चंडीगढ़ । कंगाली का दंश झेल रहे चंडीगढ़ शहर को नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने वित्तीय प्रबंधन क्षमता के कारण शहर को एक नई संजीवनी देने का कार्य किया है। उनके इस अनूठे प्रयास से शहर के विकास को गति तो मिला ही , साथ में हजारों लोगों के चूल्हे फिर से जल उठे , जो हमेशा के लिए बुझाने की कगार पर थे । आयुक्त अमित कुमार की
कार्यशाली का डंका पूरे शहर में बज रहा है। उन्होंने अपनी कुशलता से कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक को एकता के सूत्र में परो कर एवं एकजुटता के साथ वह कार्य कर दिखाया जो देखने में असंभव नजर आ रहा था।
एक उल्लेखनीय विकास में, नगर निगम आयुक्त ने निगम के वित्तीय संचालन को समर्थन देने के लिए सहायता अनुदान की मांग की थी। अनुरोधित अनुदान पर कोई जवाब या मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद, आयुक्त ने निगम के वित्त का कुशलतापूर्वक प्रबंधन किया।
सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से, आयुक्त यह सुनिश्चित करने में सफल रहे कि सभी दायित्वों का भुगतान किया गया और सभी बकाया समय पर चुकाए गए। इसमें हर महीने की नियत तारीख पर कर्मचारियों को वेतन का भुगतान, ठेकेदार भुगतान के बिल, चिकित्सा दावे और बकाया का 2-3 दिनों के भीतर भुगतान शामिल है।
एमसी ने विकास कार्य के लिए संशोधित अनुमानों (आरई) 2025-26 में पूंजी शीर्ष के तहत ₹245.00 करोड़ की मांग की थी। सहायता अनुदान की अनुपस्थिति के बावजूद, आयुक्त के प्रयासों ने उपलब्ध निधियों के प्रबंधन में यह सुनिश्चित किया कि निगम के वित्तीय दायित्व बिना किसी रुकावट के पूरे किए गए।
यह उपलब्धि आयुक्त की वित्तीय प्रबंधन क्षमता को रेखांकित करती है और निगम की अतिरिक्त वित्तीय सहायता के बिना भी अपनी वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता को उजागर करती है।
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