पंचकूला, 30 जनवरी: पारस अस्पताल के फेफड़ों संबंधी सीनियर कंस्लटेंट डा. एस.के.गुप्ता का कहना है कि कोविड 19 के अधिक प्रभाव व इसके ओमीक्रोन जैसे नए रूप के बावजूद तीसरी लहर पहली व दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी, जब मौत की दर बहुत बढ़ गई थी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगने से लोगों में बीमारी से लडऩे की ताकत बढ़ गई है। डाक्टरों ने कहा कि पर इसमें ढील नहीं बरती जानी चाहिए, क्योंकि बुजुर्गों, अन्य बीमारियों से पीडि़तों तथा बिना वेक्सीन वाले लोगों में इसका संक्रमण बुरी तरह असर कर सकता है।
उन्होंने बताया कि दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में मरीजों की एकदम तादाद बढ़ गई थी। आईसीयू तथा कोविड विशेष वार्ड मरीजों से भरे हुए थे। मरीजों के परिवारिक मैंबरों को अस्पताल में दाखिल करने तथा जीवन रक्षक दवाईयों के लिए मिन्नतें कर रहे थे। चाहे दक्षिणी अर्फीका के प्राथमिक नतीजों के बाद यह बताया गया था कि यह वॉयरस डेल्टा से अधिक तेजी से फैलता है, पर हमारे देश में स्थिति अभी काबू में है।
डा. गुप्ता ने बताया कि हालांकि यह वेक्सीन वॉयरस से पूरी तरह रक्षा नहीं करती, पर गंभीर बीमारी तथा अस्पताल जाने की नौबत से सुरक्षित रखती है। ताजा सीरो सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है कि आबादी में बीमारियों का सामना करने की समर्था (एंटीबाडीज) की उच्च मौजूदगी है।
डा. गुप्ता ने कहा कि वेक्सीन से पैदा हुई इम्यूनिटी से इस वॉयरस से बचने की संभावना है, पर वेक्सीन शरीर में समर्था बनाए रखती है। उन्होंने कहा कि पर हमको इस संक्रमण की फैलने की रफ्तार तथा गंभीरता के बारे स्पष्ट तस्वीर की जरूरत है। इस संबंधी परिणाम तक पहुंचने के लिए अभी समय लगेगा। मौजूदा हालात से पता लगता है कि ओमीक्रोन संक्रमण बहुत कम है।
डाक्टर ने यह भी कहा कि लोगों को मास्क जरूरत पहनना चाहिए। इसके अलावा समय-समय हाथ धोते रहने चाहिए तथा बिना मतलब भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार तथा प्रशासन अधिक संवेदनशील है, इसने पहले ही टेस्टिंग तथा एकांतवास बढ़ा दी है। इसके अलावा सफर के लिए भी हिदायत दी हैं।
उन्होंने बताया कि दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में मरीजों की एकदम तादाद बढ़ गई थी। आईसीयू तथा कोविड विशेष वार्ड मरीजों से भरे हुए थे। मरीजों के परिवारिक मैंबरों को अस्पताल में दाखिल करने तथा जीवन रक्षक दवाईयों के लिए मिन्नतें कर रहे थे। चाहे दक्षिणी अर्फीका के प्राथमिक नतीजों के बाद यह बताया गया था कि यह वॉयरस डेल्टा से अधिक तेजी से फैलता है, पर हमारे देश में स्थिति अभी काबू में है।
डा. गुप्ता ने बताया कि हालांकि यह वेक्सीन वॉयरस से पूरी तरह रक्षा नहीं करती, पर गंभीर बीमारी तथा अस्पताल जाने की नौबत से सुरक्षित रखती है। ताजा सीरो सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है कि आबादी में बीमारियों का सामना करने की समर्था (एंटीबाडीज) की उच्च मौजूदगी है।
डा. गुप्ता ने कहा कि वेक्सीन से पैदा हुई इम्यूनिटी से इस वॉयरस से बचने की संभावना है, पर वेक्सीन शरीर में समर्था बनाए रखती है। उन्होंने कहा कि पर हमको इस संक्रमण की फैलने की रफ्तार तथा गंभीरता के बारे स्पष्ट तस्वीर की जरूरत है। इस संबंधी परिणाम तक पहुंचने के लिए अभी समय लगेगा। मौजूदा हालात से पता लगता है कि ओमीक्रोन संक्रमण बहुत कम है।
डाक्टर ने यह भी कहा कि लोगों को मास्क जरूरत पहनना चाहिए। इसके अलावा समय-समय हाथ धोते रहने चाहिए तथा बिना मतलब भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार तथा प्रशासन अधिक संवेदनशील है, इसने पहले ही टेस्टिंग तथा एकांतवास बढ़ा दी है। इसके अलावा सफर के लिए भी हिदायत दी हैं।
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