चंडीगढ:-आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ ने कांट्रैक्ट व आउटसोर्सिंग वर्कर्स की मांगो के समर्थन में चंडीगढ प्रशासन व नगर निगम के खिलाफ प्रैस कांफ्रेंस कर आउटसोर्स कर्मचारियों, डीसी रेट इम्प्लाइज व एन एच एम कर्मचारियों को समान काम समान वेतन दिए जाने की मांग की है।
आज चंडीगढ़ के प्रैस क्लब में अपनी जायज व संवैधानिक मांगों की पूर्ति के लिए मीडिया के माध्यम से चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को जगाने के लिए आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ ने अपनी समस्याएं रखीं।
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ यूटी चंडीगढ़ के अध्यक्ष अशोक कुमार और जनरल सेक्रेटरी शिव मूरत ने कांट्रैक्ट व आउटसोर्स वर्करों की जायज मांगों को जोरदार ढंग से उठाया व समर्थन किया व रैगुलर भर्तियों में सैंक्शन पोस्टों पर काम कर रहे गैस्ट टीचर्स व कांट्रैक्ट इमपलाइज को छूट देने व पक्का करने, लायंस कंपनी द्वारा निकाले गए चार सफाई कर्मचारियों को बहाल करने व आउटसोर्सिंग वर्कर्स व एन एच एम कर्मचारियों को समान काम,समान वेतन व जेम पोर्टल में टैंडर की अवधि 3 से 5 वर्ष करने व नौकरी की सुरक्षा की मांग की।
उन्होंने कहा कि समस्त चंडीगढ़ प्रशासन के लगभग 25000 कांट्रैक्ट व आउटसोर्स की विभिन्न लंबित मांगों को आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ,यू.टी चंडीगढ द्वारा की गई कांफ्रेंस में संबोधित किया गया꫰
यह कांफ्रेंस लंबे समय से चंडीगढ प्रशासन व शासन दवारा लंबित मांगों को पूरा न होने और गैर-पूर्ति करने के एवज में तथा कांटरैकट व आउटसोर्सिंग वर्कर्स की समानता, सामाजिक सुरक्षा व नौकरी की सुरक्षा के लिए व चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा इन मांगों पर जल्द विचार करने व शासन को जगाने के लिए की गई ꫰
अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि कांटरैकट व आऊटसोरसिंग वर्कर्स की समसयाओं पर चर्चा की मांगें निम्नानुसार हैं:- शिक्षा विभाग में रैगुलर भर्तियों में सैंक्शन पोस्टों पर काम कर रहे गैस्ट व कांट्रैक्ट इम्प्लाइज को छूट देने व पक्का करने के लिए रैगुलराइजेशन पालिसी बनाने या "पंजाब प्रोटेक्शन एंड रैगुलराइजेशन आफ कांटरैकचुअल बिल 2021 के अनुसार तदर्थ, संविदात्मक, अस्थायी, डेली वेज और वर्क चार्ज कर्मचारियों को नियमित करने की पालिसी चंडीगढ़ में अपनाने ,नगर निगम चंडीगढ़ में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण एजेंडे की चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा अप्रूवल, लायंस कंपनी से निकाले गए सफाई कर्मचारियों को बहाल करने,जेम पोर्टल में जनशक्ति सेवाओं की अवधि 3 से 5 वर्ष करने और मौजूदा आउटसोर्सिंग श्रमिकों की गैर-प्रतिस्थापन और जेम के माध्यम से निविदा में परिवर्तन के बदले ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों से पहले वेतन या शेयर की मांग न करना, कांट्रैक्ट लेबर अधिनियम 1970 के तहत खंड 25 (2) में शामिल समान कार्य के लिए समान वेतन का कार्यान्वयन और जगजीत सिंह बनाम पंजाब राज्य (2016) के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार चंडीगढ़ प्रशासन में कार्यरत आउटसोर्सिंग श्रमिकों, पीजीआई, एनएचएम, एमसी, डायरेक्ट डी सी रेट इम्प्लाइज, डाटा एंट्री ऑपरेटरों, कंप्यूटर शिक्षकों,परामर्शदाता इत्यादि को समान काम -समान वेतन देने, शिक्षा विभाग में कंप्यूटर शिक्षकों को दो माह के वेतन का वितरण,बढ़ा हुआ डीए जारी करने के एवज में वर्ष 2021-22 के लिए आउटसोर्सिंग श्रमिकों को डीसी दरों में और वृद्धि, संविदा कर्मचारियों के लिए पंजाब के छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, पीजीजीसी,सेक्टर 11,चंडीगढ़ में टर्मिनेटेड आउटसोर्सिंग वर्कर्स को बहाल करने और उच्च शिक्षा के आदेश को सही मायने में लागू करने,नगर निगम में बढ़ी हुई डी.सी दरों के आउटसोर्सिंग श्रमिकों को बकाया राशि का अनुदान,चंडीगढ़ में सभी आउटसोर्सिंग कामगारों को जेम पोर्टल के नियम और शर्तों के अनुसार 15 सीएल का अनुदान,जेम पोर्टल के नियम एवं शर्तों के अनुसार निविदा में परिवर्तन के एवज में मौजूदा आउटसोर्सिंग कामगारों की सूची अपलोड करना,जेम पोर्टल में प्रशासन अधिकृत एजेंसी सपिक का पंजीकरण और चंडीगढ़ में मिड-डे मील वर्कर्स और अन्य स्टाफ को डीसी रेट और मेडिकल सुविधा प्रदान करना,चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम यूटी चंडीगढ़ में संविदा कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगियों को खाली सरकारी आवास का आवंटन,भारत के संविधान में मौलिक अधिकारों के अनुसार समानता, सामाजिक सुरक्षा और कार्यकाल की सुरक्षा के माध्यम से अनुबंध और आउटसोर्सिंग सिस्टम को बंद या सुरक्षित करना शामिल हैं।
शिव मूरत ने बताया कि आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ ने अपनी लंबित मांगों के निवारण के लिए प्रशासक, चंडीगढ़ प्रशासन व सांसद को मांग पत्र सौंपा व चंडीगढ़ प्रशासन से जल्द मीटिंग की मांग भी की है, लेकिन अभी तक किसी ने भी उन्हें मिलने के लिए समय नही दिया है।
अशोक कुमार,
प्रधान
शिव मूरत,
जनरल सचिव
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ यूटी चंडीगढ़।
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