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महिला आंत्रप्रेन्योर ने रोते हुए आरोप लगाया कि सीएलटीए प्रबंधन ने उन्हें परेशान किया, धमकाया और अब अवैध रूप से उन्हें सीएलटीए परिसर से बेदखल किया जा रहा है

चंडीगढ़, 4 मई, 2025: चंडीगढ़ लॉन टेनिस एसोसिएशन (सीएलटीए) में कैफेटेरिया की लाइसेंसधारी गीता कपूर ने इंस्टीट्यूशनल जवाबदेही और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के अधिकारों को लेकर सवाल खड़े करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। आंत्रप्रेन्योर ने चंडीगढ़ प्रशासन के खेल विभाग की सचिव प्रेरणा पुरी, आईएएस को भी एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें सीएलटीए द्वारा 6 अप्रैल, 2025 को उनको कैफेटेरिया बंद करने के लिए जारी नोटिस को भी वापस लेने का अनुरोध किया गया है।

गीता कपूर, जो वैध लाइसेंस समझौते के तहत लगभग चार वर्षों से चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में सीएलटीए परिसर में कैफेटेरिया का संचालन कर रही हैं, ने आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और मौजूदा समय में अपनी खस्ताहालत को उजागर किया। इस मौके पर उनके साथ उनके पति भी थे।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि गीता कपूर को 6 अप्रैल, 2025 को सीएलटीए से अचानक एक नोटिस मिला, जिसमें कैफेटेरिया को बंद करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद बार-बार मौखिक तौर पर भी कई बार धमकी दी गई और परिसर को तुरंत खाली करने का दबाव बनाया गया। इस बारे में बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद, चंडीगढ़ के डायरेक्टर, स्पोर्ट्स को मेमोरेंडम देने,  जिसका उल्लेख बंद करने के नोटिस में किया गया है - गीता की कोई सुनवाई नहीं हुई और उन्हें मेमो नहीं दिया गया  । इससे इस पूरे मामले को लेकर तय प्रक्रियाओं का पालन न करने को लेकर बरती जा रही अस्पष्टता को लेकर चिंताएं और बढ़ गई हैं।

अपनी आजीविका खोने के डर और तनाव से परेशान गीता ने कहा, "यह सिर्फ़ किए गए करार का उल्लंघन नहीं है; यह एक महिला आंत्रप्रेन्योर को निशाना बनाकर सत्ता का स्पष्ट दुरुपयोग और धमकी है। मैं सीएलटीए के साथ एक वैध समझौते के तहत एक कानूनी तौर पर वैध बिज़नेस चला रही हूं। मेरे साथ जो व्यवहार किया जा रहा है, वह अपमानजनक है। मैं एनसीडब्ल्यू से अपील करती हूं कि वह इस मामले में दखल दे और इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करे, ताकि मुझे न्याय मिले और मुझे अपनी एकमात्र रोज़ी-रोटी कमाने वाली चीज़ - सीएलटीए में संचालित कैफेटेरिया को चलाने की अनुमति मिले।"

एनसीडब्ल्यू को दी गई अपनी शिकायत में गीता ने सीओओ मेघ राज के नेतृत्व में सीएलटीए प्रबंधन पर लगातार उत्पीड़न, आपराधिक धमकी और वैध प्रक्रियाओं का पालन किए बिना अवैध तौर पर निकाले जाने का आरोप लगाया है। उसने अपनी शिकायत में कहा है कि सभी किए गए करार संबंधी दायित्वों का पूर्ण अनुपालन करने के बावजूद, प्रबंधन उस पर परिसर खाली करने के लिए अनुचित और गैर-कानूनी दबाव डाल रहा है।

भावुक और नम आंखों वाली गीता ने कहा, "मैं सिर्फ़ अपने लिए नहीं, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए लड़ रही हूं जो सम्मान के साथ अपना कारोबार चलाना चाहती हैं। अगर कैफेटेरिया बंद हो जाता है तो मेरी और कैफेटेरिया में काम करने वाली दूसरी महिलाओं और पुरुषों की आजीविका प्रभावित होगी। इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।"

"मेरी जानकारी में आया है कि सीएलटीए कथित तौर पर अनधिकृत सबलेटिंग के कारण चंडीगढ़ खेल विभाग के साथ लीज़ समझौते का उल्लंघन कर रहा है। हालांकि, मैं एक वास्तविक लाइसेंसधारी हूं जिसने नियमित रूप से सभी बकाया राशि का भुगतान किया है। सीएलटीए और प्रशासन के बीच इस बारे में प्रक्रियागत कमियों में मेरी कोई भूमिका नहीं है, फिर मुझे क्यों निशाना बनाया जा रहा है।"

महिला आंत्रप्रेन्योर का मामला अब पब्लिक प्लेसेज में पारदर्शिता, प्रशासन और जेंडर जस्टिस के बारे में व्यापक बहस का केंद्र बन गया है।

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