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एयरटेल ने दुनिया का पहला फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन किया लॉन्च

 Chandigarh:स्पैम के खिलाफ अपनी लगातार लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए, एयरटेल ने आज एक अत्याधुनिक समाधान लॉन्च किया है, जो सभी कम्युनिकेशन ओवर-द-टॉप (OTT) ऐप्स और प्लेटफॉर्म्स- जैसे ईमेल, ब्राउज़र, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एसएमएस आदि- पर फ्रॉड और मैलिशियस वेबसाइट्स को रियल टाइम में पहचान कर ब्लॉक कर देगा। यह सुरक्षित सेवा सभी एयरटेल मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के स्वचालित रूप से सक्रिय कर दी जायेगा l जब कोई ग्राहक ऐसी वेबसाइट खोलने की कोशिश करता है, जिसे एयरटेल की सिक्योरिटी सिस्टम ने ‘मैलिशियस’ के रूप में फ़्लैग किया है, तो उस वेबसाइट का पेज लोड नहीं होता, इसके बजाय, ग्राहक को एक नए पेज पर रीडायरेक्ट किया जाता है, जहां ब्लॉक किए जाने का कारण स्पष्ट रूप से बताया जाता है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के देशभर में तेजी से विस्तार के चलते ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा हर दिन बढ़ रहा है, जिससे उपभोक्ताओं पर गंभीर जोखिम मंडरा रहा है। हाल के दिनों में ऐसे खतरों में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। फ्रॉड स्कीमें अब केवल ओटीपी या फर्जी कॉल तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि हालिया रिपोर्ट्स बताती है कि लाखों लोग अब मैलिशियस ऑनलाइन स्कैम्स का शिकार हो रहे हैं।

स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, एयरटेल ने एक एआई-आधारित, मल्टी-लेयर इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जो ग्राहकों को सभी प्रकार के स्कैम और फ्रॉड से सुरक्षा प्रदान करेगा। यह अत्याधुनिक थ्रेट डिटेक्शन सिस्टम सभी प्लेटफॉर्म्स पर डोमेन फ़िल्टरिंग करेगा और डिवाइसेज़ पर इन लिंक्स को ब्लॉक करेगा।

इस पहल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, भारती एयरटेल के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डाइरेक्टर  गोपाल विट्टल ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में हमने कई ऐसे मामले देखे, जहां खतरे से अंजान ग्राहकों को चतुर अपराधियों ने उनकी मेहनत की कमाई को ठगा। हमारे इंजीनियरों ने इस समस्या का हल खोजने के लिए फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन तैयार किया है। हमें विश्वास है कि यह समाधान हमारे ग्राहकों को इंटरनेट ब्राउज़ करते समय सुरक्षा का पूरा भरोसा देगा और स्कैम का डर खत्म करेगा। हमारा एआई आधारित टूल इंटरनेट ट्रैफिक को स्कैन करता है, ग्लोबल रिपॉजिटरीज़ और हमारे अपने थ्रेट डेटाबेस से तुलना करता है और रियल टाइम में फ्रॉड वेबसाइट्स को ब्लॉक करता है। छह महीने की ट्रायल अवधि में इसने उल्लेखनीय सटीकता हासिल की है। हम तब तक काम करना जारी रखेंगे जब तक हमारे नेटवर्क पूरी तरह से स्पैम और स्कैम से सुरक्षित नहीं हो जाते।"

यह सेवा फिलहाल हरियाणा सर्कल में शुरू की गई है और जल्द ही पूरे देश में लागू की जाएगी।

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