पंचकूला : श्री रामचरित मानस जी की चौपाई मसक समान रूप कपि धरी, लंकहि चलेउ सुमिरि नरहरी की व्याख्या करते हुए आज बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने बताया कि सीता माता की खोज के वृहद् कार्य हेतु निकले महावीर हनुमान जी ने मसक यानी मच्छर जैसा अति लघु रूप धारण किया। उन्होंने कहा कि इससे ये सीख मिलती है कि जब भी किसी बड़े संकट से सामना हो तो हमें तन कर खड़े होने की बजाए बेहद शांत व विनम्र हो जाना चाहिए। इससे सकंट कुछ समय बाद अपने आप टल जाएगा।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया जब बड़ी तेज़ आंधी आती है तो बड़े-बड़े सख्त पेड़ गिर जाते हैं, परन्तु कोमल व लगी दूर्वा आंधी की दिशा में ही जमीन पर लौट जाती है जिससे उसका बाल भी बांका नहीं होता। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के राजनीतिक सचिव तरुण भंडारी के सौजन्य से सुदेश भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से पंचकूला में हो रही श्री हनुमंत कथा में की। आज कथा का दूसरा दिन था। उन्होंने आयोजकों से ना कोई पास, ना कोई ख़ास, सब हैं हनुमान के दास का सन्देश देते हुए कहा कि कल 28 मई को बाबा बागेश्वर का दिव्य दरबार लगेगा जिसमें भक्तों की अर्जियां स्वीकार करके परचा निकलेगा। उन्होंने आयोजकों से पंचकूला के पागलों के लिए पर्याप्त जगह रखने को कहा व बताया कि कल शाम 4 बजे से 6 बजे तक कथा होगी व तत्पश्चात रात 9 बजे तक अर्जी, परचा-चर्चा होगी।
बागेश्वर धाम सरकार की कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह था। इस अवसर पर नरेश मित्तल, भूपिंदर सिंह( बब्बू), संदीप गुप्ता, दिनेश गुप्ता, पंकज बंसल, नरेश गोयल, राज मित्तल, साहिल गर्ग, राकेश गर्ग बिट्टू, अमन शर्मा, अक्षय कौशिक, अनिल थापर, किशन जैन भोथरा, दीपक गुप्ता, विकास, सुरिंदर गोयल, कस्तूरी लाल बंसल, नीरज चौधरी, बिन्दर गुज्जर, सुदर्शन सिंगला, मेघराज गर्ग, मुनीश अरोड़ा, रजनीश बंसल, अशोक जिंदल, विकास गुप्ता, परवीन कंसल, संदीप गुप्ता (सैंडी), राकेश जगोता, सुरिंदर सिंगला व अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे।
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