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स्वतंत्रता सेनानी के सुपुत्र एवं वरिष्ठ पत्रकार रमेश गोयत को मातृशोक

चण्डीगढ़ : वरिष्ठ पत्रकार रमेश गोयत की माता फूला देवी, पत्नी स्वर्गीय मनी राम, स्वतंत्रता सेनानी (आजाद हिंद फौज), निवासी गांव नरड़, तहसील व जिला कैथल, का आज बुधवार सुबह 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ आज उनके पैतृक गांव नरड़, जिला कैथल में हुआ।

 स्वतंत्रता सेनानी स्व. मनी राम थे नेताजी के साथ आजादी की लड़ाई के योद्धा

गांव नरड़ के स्वर्गीय मनी राम ने आजाद हिंद फौज में शामिल होकर देश की आजादी में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। उनका जन्म 6 जून 1921 को हुआ। मात्र 20 वर्ष की आयु में, 10 जून 1941 को वे ब्रिटिश सेना में भर्ती हुए। लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रेरणादायक भाषण से प्रेरित होकर, उन्होंने 2 जुलाई 1943 को सिंगापुर में आजाद हिंद फौज की गांधी ब्रिगेड, 14वीं कंपनी में शामिल होकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी।

मनी राम ने 13 हांगकांग सिंगापुर रॉयल इन्फैंट्री (नंबर 50733) में सेवा की और बाद में आजाद हिंद फौज में शामिल होने के कारण ब्रिटिश सेना द्वारा ब्लैकलिस्ट कर दिए गए। आजादी की लड़ाई के दौरान वे सिंगापुर और रंगून की जेलों में कैद रहे, जहां उन्हें भूखा-प्यासा रखा गया। उनके पुत्र रमेश गोयत ने बताया कि जेल में अमानवीय व्यवहार और कठिन परिस्थितियों के कारण कई सैनिक बीमार हो गए, लेकिन मनी राम का देशप्रेम अडिग रहा।

देश आजाद होने के बाद जब मनी राम घर लौटे, तो लंबे समय के अंतराल और कठिन संघर्ष के कारण उन्हें उनके परिजनों ने पहचानने में भी समय लिया। आजादी के बाद उन्होंने जॉइंट पंजाब पुलिस में सेवा की और 1966 में हरियाणा के गठन के बाद हरियाणा पुलिस में शामिल हुए।

स्वतंत्रता सेनानी मनी राम को उनके योगदान के लिए 15 अगस्त 1972 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा स्वतंत्रता की 25वीं वर्षगांठ पर ताम्रपत्र और पेंशन देकर सम्मानित किया गया। 29 दिसंबर 1978 को उनका स्वर्गवास हो गया। उनका जीवन और बलिदान आज भी गांव नरड़ और पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है।



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