पंचकूला, 10 दिसंबर: हाउस ऑफ़ लॉर्ड, लंदन में इंडो-यूके ग्लोबल बिजनेस कॉन्क्लेव 2022 में समाज में महत्वपूर्ण योगदान के सम्मान में अवार्ड मिलने के सन्दर्भ में मात – पिता गौधाम महातीर्थ कमेटी ने आज शनिवार गौरी शंकर मंदिर, सेक्टर 17 पंचकूला में सम्मान समर्पित समारोह का आयोजन किया।
समारोह में महातीर्थ के संस्थापक ज्ञानचंद वालिया सहित कमेटी के सदस्य बशेश्र नाथ शर्मा, अमरजीत बंसल ,सुरेश बंसल ,दीपक मित्तल, जय गोपाल बंसल ,कुलदीप ठाकुर , सुभाष सिंगला, कश्मीरी लाल गुप्ता, सुरनेश सिंगला, मामन राम गर्ग ,सत्यभगवान सिंगला , कपिल वर्मा, पंकज जयसवाल , मधुर टेमले, संजीव गुप्ता ,सुभाष अग्रवाल, केके ग्रवाल व वीरेंदर जुनेजा का अवार्ड मिलने की ख़ुशी में सम्मान किया गया।
गौरतलब है कि ज्ञानचंद वालिया व सदस्यों सुभाष सिंगला मधुर टेमले को ब्रिटिश पार्लियामेंट की इंटरनेशनल ट्रेड मंत्री रुथ कैडबरी द्वारा यह अवार्ड हाउस ऑफ़ लॉर्ड, लंदन में दिया गया था।
गौधाम महातीर्थ द्वारा हर घर में माँ बाप का सत्कार और गऊमाता से प्यार की भावना को जन-जन तक पहुंचाने में संकल्पित विश्व के प्रथम और एकमात्र ‘मात पिता मन्दिर’ का निर्माण बनूड़-अंबाला मार्ग पर मोहाली जिले के गांव खल्लौर में किया जा रहा है ।
यह मन्दिर माता-पिता को समर्पित होगा। उन्होंने कहा कि मंदिर में कोई प्रतिमा न हो कर श्रद्धालु माता पिता में ही भगवान होने का एहसास करेंगे। मात पिता गौधाम ट्रस्ट को ज्ञान चंद वालिया जिन्हें गौचर दास ज्ञान के नाम से जाना जाता है, द्वारा 2011 में स्थापित किया गया था। गौधाम परिसर जहां मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, 10 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है।
ज्ञान चंद वालिया ने कहा कि मात पिता मंदिर का उद्देश्य घर-घर में माता-पिता का सम्मान के बारे में जागरूकता फैलाना के अलावा गाय माता के आध्यात्मिक लाभों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
उन्होंने आगे बताया कि हम सबके लिए माता-पिता ही हमारे भगवान होते हैं , इनसे से बड़ा कोई नहीं है। जो आशीष ये दिल दे दें वह अवश्य ही पूर्ण होता है । वे वही हैं जो अपने बच्चों के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं। वे अपने बच्चों के लिए अपने आराम और खुशी को त्याग देते हैं ताकि वे अपने जीवन में सफल हो सकें ,उन्होंने कहा।
सभी समुदाय व धर्मों के लिए ‘मात पिता मन्दिर’ पूरी तरह से माता-पिता के लिए समर्पित होगा जहां उनकी पूजा और सम्मान किया जाएगा ,उन्होंने कहा।
मंदिर का भूमि पूजन 10 अप्रैल 2019 को किया गया था और यह श्रद्धालुओं द्वारा दान किए गए फंड्स से किया जा रहा है। मंदिर को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से विश्व के प्रथम और एकमात्र ‘मात पिता मन्दिर’ का प्रमाण पत्र भी मिला है।
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