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प्रशासक से की मांग, जल्द खोली जाए दुकानें

चंडीगढ़:-लाॅकडाउन में दुकानें न खाेलने देने पर प्रशासन के फैसले के खिलाफ चंडीगढ़ के कारोबारी दुकानदारों ने माेर्चा खाेल दिया है। बुधवार को शहर की अलग-अलग मार्केट्स एसोसिएशंस ने चंडीगढ़ व्यापार मंडल के साथ मिलकर अलग अलग जगहों पर प्रदर्शन किया। इस दाैरान काराेबारियों ने लाॅकडाउन के दाैरान गैर जरूरी शाॅप्स काे न खाेलने देने के प्रशासन के फैसले के खिलाफ शहर की अलग-अलग मार्केट्स में नाराजगी जताई। हालांकि प्रदर्शन के दौरान काेविड प्राेटाेकाल का पूरा ध्यान रखा गया। हर मार्केट में 15 से 20 लाेग ही इकट्ठे हुए।

चंडीगढ़ व्यापार मंडल ने कहा कि चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनोर से गुजारिश करना चाहते हैं कि कोरोना महामारी की भयावहता को लेकर चंडीगढ़ का व्यापारी वर्ग भी चिंतित है, लेकिन उनकी व्यथा को समझते हुए प्रशासन को उनकी दुकानें पंजाब की तर्ज पर ऑर्ड-ईवन सिस्टम पर खोलने की परमिशन दी जाए। एक-एक दुकानदार के साथ पांच-पांच परिवार जुड़े हैं। सभी परिवार भूखे मर रहे हैं। अगर सैलरी देते हैं, तो दुकानदार मरते हैं। क्योंकि दुकानदारों के सिर पर तमाम खर्च हैं, जिन्हें वह पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
 अपनी इसी मांग को लेकर ही व्यापार मंडल के पदाधिकारियों की ओर से सेक्टर 44 में भी इसको लेकर प्रदर्शन किया गया है। 
चंडीगढ़ व्यापार मंडल के चेयरमैन चरंजीव सिंह और सेक्टर 44 डी मार्किट प्रेजिडेंट एन के वोहरा ने कहा कि व्यापार मंडल की ओर से लगातार इसका विरोध किया जा रहा है और यह मांग करते आए हैं कि पंजाब पैटर्न पर दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए। और वह पूरे कोरोना को लेकर जो गाइडलाइंस है, उनका पूरी तरह से पालन करेंगे और सभी तरह की एहतियात बरतेंगें। इसको लेकर वह एडवाइजर व गर्वनर साहब से भी गुजारिश कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ व्यापार मंडल के बैनर तले आज चंडीगढ़ की अलग अलग मार्केट्स में दुकानदारो द्वारा विरोध स्वरूप प्रोटेस्ट किया गया है और प्रशासन के तुगलकी फरमान का विरोध किया गया है। उनका कहना है कि शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम बदस्तूर जारी है, ऑटो रिक्शा चल रहे है। करियाणा व केमिस्ट्स की शॉप्स खुली हैं। रेस्टारेंट और ढाबे खुले हैं, जोकि होम डिलीवरी ही करेंगे। अगर यह सब चल रहा है तो दुकानदार वर्ग से क्या परेशानी है। क्या कोरोना सिर्फ और दुकानदार ही फैला रहा है। प्रशासन को चाहिए कि समाज के हर वर्ग के हित और अहित को ध्यान में रख कर ही फैसले ले। अगर प्रशासन जल्द ही दुकानों को खोलने की इजाजत नही देता है, तो दुकानदार और उसके परिवार के साथ साथ उसके यहां काम करने वाले कर्मियों के भूखे मरने की नौबत आ जायेगी।

आपको बता दें कि चंडीगड़ में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 04 मई से दुकानें बंद करने का प्रशासन ने फैसला लिया था और तब से लगातार दुकानें बंद हैं। जिसको लेकर कई व्यापारी और दुकानदार प्रशासन के इस फैसले से नाखुश चल रहे हैं।

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