मोहाली , 3 फरवरी : हाल ही में आईवी अस्पताल, मोहाली में एक दुर्लभ एंडोवस्कुलर सर्जरी से 22 वर्षीय युवक के सिर में चोट लगने के बाद धीरे-धीरे लगभग जा चुकी आंख की रोशनी को फिर से सफलतापूर्वक रिस्टोर किया गया।
युवा का इलाज करने वाले आईवी अस्पताल में न्यूरो इंटरवेंशनल एंड एंडोवस्कुलर न्यूरो सर्जरी के हैड, डॉ विनीत सग्गर ने गुरुवार को यहां जानकारी देते हुए बताया कि 1 महीने पहले मोहिंदर (बदला हुआ नाम) के सिर में एक दुर्घटना के कारण गंभीर चोट आई थी। युवा की दाहिनी आंख की रोशनी चली गई थी। हादसे के 15 दिन बाद मोहिंदर ने अपनी बायीं आंख में भी रोशनी जाने की शिकायत की।
उसे आइवी अस्पताल में लाया गया जहां डॉक्टर सग्गर ने उनकी जांच की। डॉ सग्गर और उनकी टीम ने एक डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी (डीएसए) किया और इसमें पाया गया कि युवक की समस्या बाईं कैरोटिड (जोकि बाईं ओर के मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली मुख्य वेसेल होती है) और बाईं आंख के पीछे कैवरनस साइनस के बीच कैरोटिड कैवरनस फिस्टुला के कारण थी। इस बीमारी में दिल से दिमाग को रक्त पहुंचाने वाली नस में असाधारण कनेक्शन हो जाता है। खून का आदान-प्रदान नहीं होने से मरीज को ब्रेन हेमरेज का खतरा तक हो जाता है, जिसके कारण न केवल उनकी बायीं आंख की दृष्टि तेजी से घट रही थी और अगर इस फिस्टुला का इलाज नहीं किया जाता तो मस्तिष्क में भी घातक ब्रेन हेमरेज हो सकता था , डॉ सग्गर ने कहा जोकि कुछ एक दोहरे प्रशिक्षित न्यूरोसर्जनों में से एक हैं।
युवक का इलाज इंडोवैस्कुलर तकनीक से किया गया जिसके माध्यम से उसकी बाईं आंख की दृष्टि को प्रीज़व्र्ड (संरक्षित) किया गया। डॉक्टर सग्गर ने कहा कि मरीज में अब सुधार हो रहा है और उसकी आंख की सूजन भी गायब हो गई है।
ज्ञात रहे डॉक्टर सग्गर ने पिछले कुछ वर्षों में आईवी अस्पताल में सफलतापूर्वक 100 से अधिक न्यूरो इंटरवेंशन प्रोसीजर कर चुके हैं।
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