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युवा पीढ़ी को आज का दिन वैलेंटाइन डे के रूप में नही शहीदी दिवस के रूप में चाहिए मनाना: रविंदर सिंह

चंडीगढ़:-पश्चिमी सभ्यता में रंगी देश की युवा पीढ़ी द्वारा वैलेंटाइन दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाने लगा है। जोकि हमारी सभ्यता और संस्कृति के बिल्कुल विपरीत है। आज से ठीक तीन वर्ष पहले 14 फरवरी 2019 को पुलवामा अटैक में सी आर पी एफ के 42 फौजियों के शहीद होने की आज तीसरी वर्षगांठ है। जिसे ब्लैक डे माना गया था। इस खबर को सुन सभी देशवासी स्तब्ध रह गए थे। इस लिए सभी देशवासियों खासकर युवाओं को आज के दिवस को शहीदी दिवस के रूप में मनाना चाहिए। सभी देशवासियों को चाहिए कि वो शहीद हुए वीर जवानों की स्मृति में अपने घर की दीवार या मुंडेर पर एक कैंडल या दीया जरूर जलाएं, यही हमारी उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। यह कहना है, ओंकार चैरिटेबल फाउंडेशन के चेयरमैन रविंदर सिंह बिल्ला का।
ओंकार चैरिटेबल फाउंडेशन और एन सी सी गर्ल्स कैडेट्स सेक्टर 24 के आपसी सहयोग से आज वैलेंटाइन दिवस को न मना कर देश के सच्चे सपूतों और देश की आन बान और शान की खातिर अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इन सभी और अन्य लोगों के द्वारा शहीदों को नमन कर कैंडल जला कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके छोटे छोटे बच्चों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था और उन्हें  बताया गया कि हम सब को अपने देश के सच्चे सपूतों को याद करते हुए उनकी याद में रिमेम्बरन्स दिवस मनाना चाहिए न कि  वैलेंटाइन दिवस मनाना चाहिए। वैलेंटाइन दिवस को अगर प्यार के दिवस के रूप में मनाया जा रहा है तो क्यों न हम भी अपने फौजी भाईयों से प्रेम करे, जो हमारे देश की सुरक्षा और रक्षा के लिए सदैव अग्रसर रहते हैं और देश की खातिर अपने प्राणों की आहुति देने से भी नही चूकते। हमारा नमन उन अभिभावकों को जिन्होंने ऐसे सपूतों को पैदा किया, हमारा नमन ऐसे जांबाजों को जिन्होंने अपने स्वार्थ अपने परिवार और हित का मोह त्याग देश की खातिर अपना बलिदान दिया।*
*इस अवसर पर ओंकार चैरिटेबल फाउंडेशन के सदस्य और मार्किट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अलावा और अन्य लोग भी मौजूद थे।*

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