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कॉर्नियल ट्रांसप्लांट में एंडोसेवर तकनीक से मरीज की रिकवरी होती फास्ट: डा.अशोक शर्मा

चंडीगढ़,15 फरवरी: कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी ने हाल के वर्षों में एक लंबा सफर तय किया है और चंडीगढ़ में डा.अशोक शर्मा के कॉर्निया सेंटर में डॉ. अशोक शर्मा इन अग्रिमों में सबसे आगे हैं। एमबीबीएस के बाद एक उच्च प्रशिक्षित कॉर्निया सर्जन के रूप में एमएसआईपीजीआई से किया और प्रथम स्थान हासिल किया। इसके बाद उन्होंने मैरीलैंड यूएसए और एलवीपीईआई हैदराबाद के आई कंसल्टेंट्स से कॉर्निया फैलोशिप प्राप्त की। डॉ. शर्मा कॉर्नियल रोग या चोट वाले रोगियों के लिए अत्याधुनिक सेवाओं की एक श्रृंखला प्रदान करते हैं।

डा. अशोक शर्मा ने विशेष बातचीत में बताया कि कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी में नवीनतम तकनीकों में से एक डेसिमेट की स्ट्रिपिंग ऑटोमेटेड एंडोथेलियल केराटोप्लास्टी हैजिसमें पारंपरिक पूर्ण-मोटाई वाले प्रत्यारोपण के रूप में पूरे कॉर्निया की बजाय केवल कॉर्निया की क्षतिग्रस्त परत को बदलना शामिल है। इसके परिणामस्वरूप तेजी से रिकवरी का समय और कम जटिलताएं होती हैं। डॉ. शर्मा इस तकनीक में कुशल हैं और एक विशेष उपकरण एंडोसेवर का उपयोग करते हैं। उन्होंने अपने रोगियों के लिए कई डीसेक प्रक्रियाओं का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।

 उन्होंने बताया कि कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी में एक और हालिया विकास कॉर्नियल चीरों के लिए फेमटोसेकंड लेजर का उपयोग हैजो पारंपरिक सर्जिकल ब्लेड की तुलना में अधिक सटीक और अनुमानित कटौती कर सकता है। यह तकनीक विशेष रूप से लेसिक और पूर्वकाल लैमेलर केराटोप्लास्टी और गहरी पूर्वकाल लैमेलर केराटोप्लास्टी सर्जरी में कॉर्निया की केवल रोगग्रस्त या क्षतिग्रस्त परतों को बदलने में उपयोगी है। डॉ. शर्मा को फेमटोसेकंड लेजर तकनीक का व्यापक अनुभव है और वह अपने अभ्यास में नियमित रूप से इसका उपयोग करते हैं।
इन उन्नत सर्जिकल तकनीकों के अलावा डॉ अशोक शर्मा के कॉर्निया सेंटर में कई अन्य कॉर्निया सेवाएं प्रदान करते हैंजिसमें सूखी आंखसंक्रमणकेराटोकोनस और लेसिक के उपचार शामिल हैं। केंद्र रोगियों को सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान करने के लिए नवीनतम तकनीक और उपकरणों से लैस है। डॉ. शर्मा को अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी यूएसए से कई पुरस्कार मिले हैं। वह बच्चों में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी में अग्रणी हैं। डा. अशोक शर्मा कार्निया सेंटर में मरीजों को वल्र्ड क्लास तकनीक से उन्हें रोगमुक्त किया जाता है। डा. शर्मा ने दर्जनों ऐसे बच्चों की आंखों की रोशनी को कार्निया ग्राफिटिंग कर रोशनी को वापस लौटा कर उनकी जिंदगी को रोशन किया है और कई बच्चे आज उच्च शिक्षा देश व विदेशों में प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब उनके द्वारा की सर्जरी से किसी को नया जीवन मिलता है और वह अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करता है तो स्वयं को गौरवांवित मानते हैं।

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