Latest News

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शशांक मणी की किताब ‘भारत एक स्वर्णिम यात्रा’ का किया विमोचन

नई दिल्ली, 6 सितम्बर*केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री माननीय श्री धर्मेन्द्र प्रधान जी ने आज कांस्टीट्यूशनक्लब ऑफ इंडिया नई दिल्ली में उद्यमिता के माध्यम से पूर्वांचल में एक नई क्रान्ति लाने वाले शशांक मणी की पुस्तक भारत एक स्वर्णिम यात्रा का विमोचन किया। इस मौके पर द लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी भी मौजूद रहे।
   उपस्थित लोगों को संबोधित होते हुए मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि शशांक मणी ने आज से 25 साल पहले वो कार्य किया है जो सरकारे आज भी नहीं सोच सकती जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। 500 ग्रामीण नवयुवकों को 22 दिन तक देश के अलग अलग शहरों में लेजाकर नई दुनिया से परिचित कराना कोई छोटा कार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवेश में जो ज्ञान है उसे आधुनिक तरीके से सामने लाने की
जरूरत है वह इस कार्य को शशांक मनी अच्छे से कर रहे हैं।
                     इस समय बोलते हुए शशांक मनी ने कहा कि आज इस समारोह में मेरी पुस्तक का विमोचन ही नहीं हो रहा परन्तु मेरा व मेरी टीम का अगले 25 साल का संकल्प भी तय हो रहा है। उन्होंने
कहा कि इस किताब का बीज 25 साल पहले बोया गया था जो आज एक वृक्ष बनकर सामने आया है। इस किताब को पंडित दीन दयाल उपाध्याय को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि पंडित जी ही असल मायनों में मध्यवर्ग के पथ प्रदर्शक थे। पंडित दीनदयाल जी के व्यक्तिवाद के विचार को  उद्यमिता के माध्यम से लोगों तक पहुंचा रहे हैं। इसी कार्य को और आगे ले जाने के विचार से देवरिया के गांव बरपार में जागृति का एक केंद्र बनाया जा रहा है जिससे पूर्वांचल में उद्यमिता को और आगे ले जाया जाएगा। 

भारतीय स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर  1997 में आयोजित आजाद भारत रेल यात्रा एक स्वर्णिम
यात्रा थी। इस यात्रा में 250 नवयुवतियां और नवयुवकों को असली भारत दिखाने का बीडा पुस्तक के लेखक शशांक
मणि ने उठाया। इस पुस्तक की प्रेरणा से जागृति यात्रा और जागृति उद्यम केंद्र - पूर्वांचल का गठन हुआ। आजादी की
75वीं वर्षगांठ में यह पुस्तक प्रासंगिक है क्योंकि इस पुस्तक से निकला उद्यमिता अभियान से 7 हजार नवयुवक
और नवयुवतियां प्रभावित हुए है और पूर्वांचल में उद्यमिता के प्रति जागरूकता बढी है। भारत में अमृत काल में
प्रकाशित  यह पुस्तक देश निर्माण को गति देगी।

लेखक के बारे मेंः

शशांक मणि जागृति यात्रा और जागृति उद्यम केंद्र - पूर्वांचल के संस्थापक है। वे पूर्वी उत्तर-प्रदेश (पूर्वांचल) में देवरिया जिले के रहने वाले है, इन्होंने देश में उद्यमिता से विकास के लिए जमीनी स्तर पर आंदोलन खडे किए है जिसमें छोटे शहर और जिले शामिल है जिन्हें हम मध्य भारत भी कह सकते है। वे और उनकी टीम हर वर्ष जागृति यात्रा में विशेष ट्रेन के माध्यम से  8000 किलोमीटर की यात्रा 500 युवाओं के साथ करते है, इस तरह 13 सालों में उन्होंने लगभग 90000 किलोमीटर यात्रा करने के साथ राष्ट्रीय स्तर में 6000 उद्यमी तैयार किए है। हाल ही में उद्यमिता के
माध्यम से बडे स्तर पर स्थानीय रोजगार का सृजन करने के लिए वे देवरिया जिले के बरपार गांव में 6 एकड की भूमि में जागृति उद्यम केंद्र पूर्वांचल के भवन का निर्माण कर रहें है और आस-पास के जिलों में उप-केंद्र की स्थापना की जा रही है। इस तरह के चार केंद्र में यह पहला केंद्र है
जिसमें मुम्बई में प्रस्तावित मिडिल ऑफ द डायमंड संस्थान शामिल है, यह सभी केंद्र देश में उद्यमिता संस्थान के रूप में जाने जाएंगे।
        श्री शशांक ने आईआईटी दिल्ली से बी.टेक और आईएमडी बिजनेस स्कूल लुसान से एमबीए (ऑनर्स) की उपाधि ली है। वर्ष 2013 में उन्हें समाज सेवा के लिए आईआईटी दिल्ली से विशेष एलुमनी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था और भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय की 5 ट्रिलियन डॉलर कमेटी में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी है।

No comments:

Post a Comment

buzzingchandigarh Designed by Templateism.com Copyright © 2014

Theme images by Bim. Powered by Blogger.
Published By Gooyaabi Templates