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सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ कमलजीत सोई ने "मिशन सेफ अमृतसर" किया शुरू

14 अक्टूबरअमृतसर:मिशन सेफ लुधियाना के सफल कार्यान्वयन के बाद आज एनजीओ राहत द सेफ कम्युनिटी फाउंडेशन के चैयरमेन और ग्लोबल सोसाइटी ऑफ सेफ्टी प्रोफेशनल्स के अध्यक्ष डॉ कमलजीत सोई , सदस्य- राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषदसड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालयभारत सरकार ने पंजाब राज्य में सड़क सुरक्षा नियमों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य के साथ मिशन सेफ अमृतसर को लांच किया । मिशन सेफ अमृतसर का उद्देश्य इस पवित्र व् पावन शहर में सड़क सुरक्षा नियमों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करना है। डॉ कमलजीत सोई और उनके एन.जी.ओ. राहत - सेफ कम्युनिटी फाउंडेशन ने पिछले 20 वर्षों में सड़क सुरक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को विभिन्न स्तरों पर उठाया और और इस क्षेत्र में किए गए इनके कार्यों को राज्यराष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है।

शहर में यातायात की स्थिति के बारे में अपने विचारों को साझा करते हुए डॉ कमलजीत सोई ने कहा कि यहाँ यातायात कई विकारों और ट्रैफ़िक उल्लंघनों से प्रभावित हैउन्होंने अमृतसर शहर और उसके आसपास के कुछ विशेष ट्रैफिक स्पॉट के मुद्दों पर भी प्रकाश डाला जहाँ बार बार  दुर्घटनाएं होती हैं और परिणामस्वरूप लोग सड़क  दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल होते है साथ ही यहाँ कई बार बहुमूल्य मानव जीवन का नुकसान भी हुआ है । डॉ सोई ने डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया की ट्रैफिक के लिए 20 सबसे असुरक्षित शहरों की सूची में अमृतसर भी शामिल है।

शहर में यातायात की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए डॉ कमलजीत सोई ने कहा कि यहां यातायात की गतिशीलता में कई समस्याएं हैं और शहर को सुरक्षित बनाने के लिए कई उपायों की आवश्यकता हैविशेष रूप से उन्होंने हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेटों (एचएसआरपी) के सख्त कार्यान्वयन पर जोर दिया ताकि संवेदनशील और सीमावर्ती इस शहर में वाहनों की चोरी और उनसे जुड़े अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने सख्ती से प्रदूषण नियमों के अनुपालन पर भी जोर दिया क्योंकि सड़कों पर रोज़ बढ़ रहे वाहनों और उससे फ़ैल रहा प्रदूषण भी एक चिंता का विषय है ।

वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेटों (एचएसआरपी) का कार्यक्रम पंजाब सरकार द्वारा वर्ष 2012 में शुरू किया गया थालेकिन वर्षों तक इस दिशा में कुछ खास नहीं हुआ और आज भी लगभग 20 लाख वाहन पंजाब की सड़कों पर बगैर एचएसआरपी के चल रहे हैं जोकि राज्य में आपराधिक गतिविधियों में नए और खतरनाक आयाम जोड़ रहे हैं। समय की मांग एचएसआरपी कोड का पूर्ण कार्यान्वयन और उस पर प्रभावी कार्रवाई है ।

पंजाब सरकार के परिवहन विभाग के प्रधान सचिव ने एक अधिसूचना के जरिए पहले अपराध के लिए जुर्माने / चालान की राशि रु. 2000और उसके बाद हर अपराध के लिए जुर्माने की राशि तीन हजार रुपये की है। यह अधिसूचना  27 जुलाई 2020 को जारी की गई थी। पिछले 15 महीनों मेंयातायात पुलिस ने इसके लिए कोई एनफोर्समेंट ड्राइव को भी शुरु नहीं किया है जिसके परिणामस्वरूप वाहन मालिकों की ओर से इसको लेकर लापरवाही का रवैया दिखाया जा रहा है। इस समस्या को और बढ़ाते हुए कुछ असामाजिक तत्व  फर्जी तरीके से वाहनों पर नकली एचएसआरपी लगा रहे हैं। हालांकि इनमें से कुछ वाहनों को पुलिस ने जब्त कर लिया हैफिर भी बड़ी संख्या में वाहन बिना एचएसआरपी के सड़कों पर चल रहे हैं। इस खतरे को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है क्योंकि या ये वाहन विशेष रूप से राज्य और देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने रहेंगे।

वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुएराज्य परिवहन आयुक्तपंजाब के कार्यालय ने दिनांक 12 अगस्त 2021 सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों व राज्य के सब डिविजनल मजिस्ट्रेटों को लिखे पत्र के माध्यम से भी इसी चिंता को उजागर किया है। आधिकारिक अधिसूचना स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि जो वैनिटी नंबर वाहनों को भुगतान के बदले 12 जून 1989 के बाद "पीबी" राज्य कोड और पंजीकरण चिह्न के बिना जारी किए गए हैं और जो कि मोटर वाहन एक्ट 1988 के अनुरूप नहीं है उन्हें तुरंत सरकार के हवाले कर देना चाहिए। साथ ही वाहन स्वामियों को उक्त अधिनियम के अनुरूप नए पंजीकरण अंक प्राप्त करने के लिए कहा गया है।

प्रदूषण नियंत्रण पर बोलते हुए सोई ने कहा कि हमें सड़कों पर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान करने के लिए वाहनों पर केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक वाहनों के ईंधन प्रकार के आधार पर कलर कोडेड स्टिकर लागू करने के लिए एक अभियान शुरू करना चाहिए जिसमें स्टिकर के रंग के जरिए यह पता चलता है कि गाड़ी में किस ईंधन का प्रयोग किया जा रहा है, जैसे किडीजल गाड़ी के लिए ऑरेंज स्टिकरट्रोल/सीएनजी गाड़ी के लिए लाइट ब्लू स्टिकर और इलेक्ट्रिक गाड़ी के लिए ग्रे स्टिकर । इससे अधिकारियों को उन पुराने वाहनों की पहचान करने में भी मदद मिलेगी जो पुरानी तकनीक से लैस हैं और खतरनाक और जानलेवा प्रदूषकों का उत्सर्जन कर रहे हैं । उन्होंने राज्य परिवहन विभाग से प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए इस योजना को लागू करने के लिए अपने अधिकारियों को तुरंत आवश्यक निर्देश जारी करने का भी आह्वान किया।

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