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लॉकडाउन के चलते चंडीगढ़ स्कूलों ने दिया प्रांतवाद को भढ़ावा, नहीं दी चंडीगढ़ के साथ लगते इलाकों के स्टूडेंट्स को एड्मिशन

चंडीगढ़. न्यू कांग्रेस पार्टी [एनसीपी] युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष विवेक हंस गरचा ने शिक्षा प्रणाली को मद्देनजर रखते हुए चंडीगढ़ शिक्षा विभाग पर बच्चों की एड्मिशयंस को लेकर लगाये गंभीर आरोप विवेक हंस गरचा ने कहा कि चंडीगढ़ कांग्रेस व भाजपा  नेताओं के इशारों पर साथ लगते अन्य राज्यों के बच्चों को नहीं दिया गया सरकारी स्कूलों में दाखिला | विवेक हंस गरचा ने कहा कि कोविड - 19 के चलते जहाँ एक ओर कई लोगों की नौकरियां गई बिज़नेस ठप हुए उसके लिए पूरी तरह केंद्रीय भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है क्योंकि गपोड़ी प्रधानमंत्री की बड़ी - बड़ी घोषणाओं ने बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जहाँ एक ओर गपोड़ी प्रधानमंत्री लॉकडाउन के चलते प्राइवेट स्कूलों की फ़ीस माफ़ी की घोषणा क़र रहे थे वहीं दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों ने लॉकडाउन का फायदा उठाकर पेरेंट्स की जेबों पर जबरजस्त डाका मारा खूब जमकर लूट - खटुस की प्रधानमंत्री व अन्य भाजपा नेता नपुंसकों की तरह पेरेंट्स के पैसे को लुटते देख रहे थे और कांग्रेस के लुटेरे फर्जी नेता अपने निजी स्कूलों की फ़ीस माफ़ किये बिना भाजपा नेताओं से फ़ीस माफ़ी के लिए गुहार लगा रहे थे | इनके इस सिस्टम में लोगों का ध्यान बदला गया जिसका फायदा उठाकर चंडीगढ़ स्कूल डी.पी.आई स्कूलों में एडमिशन के नाम पर हो रही धांधली की तरफ ध्यान देना भूल गये सैक्टर 7,8,10 व 16 वी.आई.पी एरिया को 3 किलोमीटर में एड्मिशन के लिए डायरेक्शन दी गई लेकिन विचारणीय बात इन वी.वी.आई.पी एरिया में एक भी ऐसा वी.आई.पी नहीं जिसके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हों तो स्टूडेंट्स की एड्मिशन सीट्स गई कहाँ ?

जबकि इसके साथ लगते नया गांव, कांसल व कैम्वाला जैसे इलाके के हज़ारों स्टूडेंट्स अभी भी बिना एडमिशन के घरों में बैठे हैं उनके लिए ना कोई क्लास, ना ऑनलाइन क्लास है जिसके कारण ऐसे बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता दिखाई दे रहा है जिसकी और डी.पी.आई स्कूल व वी.आई.पी एरिया के स्कूल प्रिंसिपल का कोई ध्यान नहीं ऐसे में साथ ही पंजाब एन्ड हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में इन स्कूलों के बॉर्डर लाइन के साथ लगते किसी बच्चे को एड्मिशन नहीं दिया गया इसलिए विवेक हंस गरचा ने चंडीगढ़ स्कूल डी.पी.आई से मांग की कि चंडीगढ़ के साथ लगते इलाकों के लिए बिना देरी किये स्पेशल एड्मिशन सेशन शुरू किया जाये ताकि स्टूडेंट्स के भविष्य को मद्देनज़र रखते हुए उनका साल ख़राब होने से बचाया जा सके | विवेक हंस गरचा ने स्कूल प्रिंसिपल को भी कहा कि वह यह ना भूले जिन स्टूडेंट्स को चंडीगढ़ से बाहर का बताकर उनका नाम वेटिंग लिस्ट में डाला जा रहा है व कुछ के एड्मिशन एप्लीकेशन को कचरे के डिब्बे में डाला गया चंडीगढ़ उसी पंजाब एन्ड हरियाणा की राजधानी है जहाँ जरूरत पढ़ने पर चंडीगढ़ में इन्हीं राज्यों से उच्च अधिकारी डेपुटेशन पर बुलाये जाते हैं |

स्कूल यूनियन एक होकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच जाते है लेकिन बच्चों के अभिवावक (पेरेंट्स) का कहीं अता पता नही, ना कोई संगठन है ना ही नेतृत्व, स्कूलों की फीस, ड्रेसस ,बुक्स, व अन्य सभी कार्यो में पूरी मनमानी होती है ऐसा क्यों ????
स्कूल हजारों है लेकिन पेरेंट्स तो करोड़ो है, लेकिन सरकारें क्या कर रही हैं ??

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