पंचकूला 29 अगस्त:2021शस्त्रांग इंडियन मार्शल आर्ट के पंचकूला सेक्टर 16 स्थित मुख्यालय में पिछले दिनों हुई ब्लैक बेल्ट परीक्षा के प्रति योगियों को आज ब्लैक बेल्ट से सम्मानित किये गये9 डिग्री ब्लैक बेल्ट ग्रैंड मास्टर विक्रम थापा ने सभी परीक्षा पास करने वाले प्रतिभागियों को ब्लैक बेल्ट प्रदान कीइस अवसर पर शस्त्रांग इंडियन मार्शल आर्ट की निदेशक कला निधि थापा भी विशेष तौर पर उपस्थित थी।
ब्लैक बेल्ट परीक्षा के लिए अभय धनराज बंसल, श्रीयम रंजन, अक्षित कुमार, आयुष कुमार, कबीर नैयर, पायल शर्मा, अर्जुनगर्गेस प्रतिभागी थे।
जबकि 3 डिग्री ब्लैक बेल्ट परीक्षा में पास होने वाली आसिमा निधि और रोजी को 3 डिग्री ब्लैक बेल्ट दी गई।शस्त्रांग मार्शल आर्ट के संस्थापक ग्रैंड मास्टर विक्रम थापा ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि यह बेल्ट भी ठीक उसी तरह से है जैसे आप उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद कॉलेज में आगे की पढ़ाई के लिए दाखिला लेते हैं। उन्होंने कहा कि ब्लैक बेल्ट अब इसी तरह यूनिवर्सिटी की पढ़ाई की तरह सीख कर परीक्षा देने के बाद प्राप्त की जाएगी। इस अवसर पर शस्त्रांग इंडियन मार्शल आर्ट की निदेशक कलानिधि थापा ने बताया कि शस्त्रांग को ग्रैंड मास्टर विक्रम एस थापा ने अपने व्यापक एवं व्यक्तिगत अनुभव और विभिन्न मार्शल आर्ट के अनुभव के साथ प्रसंगिक वैज्ञानिक सिद्धांतों का उपयोग करके विकसित किया है। उन्होंने कहा कि मार्शल आर्ट में अपने लंबे करियर के बाद वह मार्शल आर्ट के प्रशिक्षण स्तर को सुधारने के बारे में सोच रहे थे।
उन्होंने बताया कि शस्त्रांग का अर्थ है शरीर का एक एक अंग का हथियार बन जाना। उन्होंने बताया कि यह शब्द संस्कृत से लिया गया है जहां शस्त्र का अर्थ है हथियार और अंग का अर्थ है शरीर। इसमें बताया जाता है कि प्रतिकूल स्थिति में आत्मरक्षा के लिए आप खाली हाथ होते हुए भी अपने शरीर को कैसे एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमारा शरीर विभिन्न बीमारियों से आत्मरक्षा के लिए वैसे भी एक हथियार के रूप में कार्य करता है।
मार्शल आर्ट की शुरुआत भारत में ही हुई थी जिसे विदेशियों ने अलग-अलग नाम देते हुए अपनाया। उन्होंने कहा कि भारत महान संस्कृति से समृद्ध है और यहां तक कि विदेशियों ने भी इसे अपनाना शुरू कर दिया है। योग किसी की फिटनेस में सुधार की कुंजी है और यह आजकल पूरे देश में पढ़ाया व सिखाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि योगासनों का उपयोग शस्त्रांग में वार्मअप और कूल डाउन अभ्यासों में किया जाता है।
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