Chandigarh,:यूं तो श्रावण के महीने में भगवान महादेव का अभिषेक व पूजन करना सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, गंगाजल, फूल, फल इत्यादि से महादेव की पूजा करने से भगवान महादेव प्रसन्न होते हैं। किंतु यह बात भी सत्य है कि जो अपनी सेवा, पूजा व आज्ञा पालन से अपने माता-पिता को संतुष्ट रखते हैं तो भगवान महादेव उनकी पितृ-भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं। हमारी स्मृतियों में भी माता पिता को भगवान का दर्जा दिया गया है "मातृ देवो भव, पितृ देवो भव"। श्री खेड़ा शिव मंदिर सेक्टर 28 में शिव महापुराण की कथा में
गणेशजी एवं कार्तिकेय का चरित्र सुनाते हुए आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री जी ने बताया कि गणेश जी माता पिता की अत्यंत भक्ति- भाव से सेवा करते थे तो भगवान महादेव उन पर प्रसन्न रहते थे। माता-पिता की सेवा करना हमारा धर्म भी है और हमारा कर्तव्य भी। माता-पिता, सास-ससुर, बड़े बुजुर्गों की सेवा व आज्ञा पालन करना कल्पतरु के समान बताया गया है। इसीलिए माता पिता की सेवा करना ही सच्चा रूद्राभिषेक कहा गया है। शिव महापुराण की कथा का आयोजन श्री खेड़ा शिव मंदिर सेक्टर 28 में चल रहा है। कथा का समय प्रतिदिन शाम 6 से 7 बजे तक निश्चित किया गया है।
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