चंडीगढ़:-आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ ने राज्यपाल और सलाहकार चंडीगढ़ को पत्र लिखकर कर नियमितीकरण नीति द्वारा कांट्रैक्ट इम्प्लाइज व समान काम समान वेतन द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरियों की सुरक्षा के लिए आह्वान किया है।
हाल ही में यूटी चंडीगढ़ नगर निगम ने संविदा कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण नीति का प्रस्ताव किया है और चंडीगढ़ प्रशासन से अनुमोदन के लिए भेजा है।
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष,अशोक कुमार ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन दोहरे मापदंडों के चलते केंद्रीय दिशा-निर्देशों पर सेवार्थ कांट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा के लिए उमा देवी के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आधार पर कोई भी प्रावधान व नीति बनाने में विफल रहा है और न ही पंजाब की पालिसी अपनाई गई है ।
परवीन कुमार, महासचिव ने कहा कि प्रशासन के दोहरे मापदंड से उन संविदा कर्मचारियों के साथ अन्याय है, जिन्होंने चंडीगढ़ के विभिन्न विभागों में अपनी व्यक्तिगत भलाई और सुरक्षा की चिंता किए बिना सेवा की और आज भी वह चंडीगढ़ प्रशासन की किसी भी सुरक्षित नीति के अभाव में समर्पण और ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं ।
कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ, यूटी, चंडीगढ़ के चेयरमैन बिपिन शेर सिंह ने कहा, “पिछले बीस वर्षों से, चंडीगढ़ में अनुबंध पर विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए केंद दिशानिर्देशों के आधार पर कोई नियमितीकरण नीति नहीं बनाई गई है और न ही पंजाब की किसी सुरक्षित नीति को अनुबंध कर्मियों के लिए अपनाया गया। चंडीगढ़ प्रशासन की अफसरशाही ने सालों तक नीति के अभाव में कांट्रैक्ट कर्मचारियों का शोषण किया है।
तरणदीप सिंह ग्रेवाल, सदस्य, सलाहकार समिति ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन ने श्रमिकों के पक्ष में आज तक कोई भी नीति नहीं बनाकर पूरा फायदा उठाया। इस कारण ठेका व आउटसोर्स कर्मियों व उनके परिवारों को प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ,यूटी, चंडीगढ़ ने इस संबंध में राज्यपाल, सलाहकार चंडीगढ़ को एक पत्र भेजकर उन्हें कांट्रैक्ट कर्मचारियों के प्रति उदासीनता से अवगत कराया है, जो चंडीगढ़ के विभिन्न विभागों में वर्षों से नौकरी की सुरक्षा के बिना काम कर रहे हैं।
पत्र में कर्मचारी संघ ने उमा देवी मामले के आधार पर नियमितीकरण नीति के माध्यम से कांट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा की मांग की है।
पत्र में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए डी.सी रेट के बजाए लेबर कानून के तहत समान काम समान वेतन की मांग भी की गई ।
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ लंबे समय से यूटी, चंडीगढ़ में अनुबंध कर्मचारियों की नियमितिकरण नीति व आउटसोर्स वर्कर्स की समान काम समान वेतन से उनकी नौकरियों की सुरक्षा की मांग व संघर्ष कर रहा है।
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