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जीवन में त्याग और निष्काम सेवा ही परम धर्म है

Chandigarh,Feb,21:वाल्मीकि धर्म समाज चंडीगढ़ के नवनिर्वाचित चेयरमैन बाबा देव नाथ ने बताया कि अमृतसर स्थित भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल से आए बाबा नछतरनाथ ने भगवानवाल्मीकि जी की मूर्ति स्थापना की। इस मौके पर कई लोग उपस्थित रहे। डेरा के महंत देवनाथ के अथक प्रयासों से मूर्ति स्थापित करने में सफलता प्राप्त हुई। बाबा देव नाथ ने सभी का धन्यवाद देते हुए कहा कि भगवान वाल्मीकि की शिक्षाएं समाज कल्याण के लिए हैं। यदि आज युवा पीढ़ी उनके मार्ग का अनुसरण करते हुए। अपना जीवन यापन करती है तो वह समाज में सम्मानित और सार्थक जीवन व्यतीत करेगी। भगवान वाल्मीकि जी ने प्रभु श्रीराम की जीवनी के माध्यम से बताया है कि जीवन में त्याग और निष्काम सेवा ही परम धर्म है। भगवान वाल्मीकि भी जीवन पर्यंत प्राणी मात्र सेवा को सर्वोपरि मानते रहे और उसी का प्रचार और प्रसार सदा किया। आगे बोलते हुए बाबा ने कहा कि उनके जीवन की एक बहुत बड़ी इच्छा पूर्ति हो गई है जो कि भगवान वाल्मीकि की मूर्ति स्थापित करना थी। अब वह यहां एक सुंदर मंदिर बनाना चाहते हैं जहां समाज के किसी भी तबके का आदमी आकर भगवान वाल्मीकि को प्रणाम करके, उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। बाबा देवनाथ ने, बाबा नछतर नाथ का विशेष धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया कि जिन के कर कमलों से मूर्ति की स्थापना हुई। और उन्होंने सेवादारों सोनु,राम लाल,बिट्टू, केतकी, नितिन, ललता प्रसाद ओर कांता देवी के साथ महिला प्रधान हीरावती, मंदिर के लंबरदार कुमार पाल,यशपाल और सहयोगियों को धन्यवाद किया और आशा जताई कि भविष्य में भी उनका सहयोग प्राप्त होता रहेगा

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